5 पर तबई पौलुस नै बा साँप कै आग मै झटक कै फैंक दओ और बाकै कुछ ना भओ।
और बे अपने हातौ सै साँप पकड़ लंगे और बे अगर बिस बी पी जांऐ तौ उनको कुछ नुकसान ना होगो, बे बेमारौं के ऊपर अपनो हात रखंगे और बे ठीक हो जांगे।”
सुनौ, मैंनै तुमकै साँपौ और बिच्छुऔ कै किचलनै को, और बैरी की सैरी सकतिऔं के ऊपर अधकार दओ है, तुमकै कोई कुछ नुकसान ना पौंचा सकैगो।
तबई लोगौ नै सोची कै जौ सूज जागो या एकदम मर जागो। पर जब बे भौत देर तक देखते रैहए और पौलुस कै कुछ बी ना भओ तौ तबई उन्नै फिर सोची और कैई कै, “जौ तौ कोई देबता है।”
सान्ति को परमेसर सैतान कै जल्दीई तुमरे पाँऐऔं के नीचे किचलैगो। हमरे परभु ईसु की किरपा तुमरे ऊपर बनी रैह।