44 और बाकी लोग पटलौ और जिहाज के टुकड़ौ के सहारे सै लिकर जाऐ। इस तरै सै सिगरे लोग ठीक ठाक सै किनारे मै आ गए।
पर अब मैं तुमकै समजाबौ हौं कै हिम्मत रक्खौ कैसेकै तुम्मै सै किसी की जान ना जागी पर जिहाज टूट जागो।
‘हे पौलुस डरिए मत। तेकै रोमी राजा के सामने खड़ो होनै जरूरी है, और तेरे संग परमेसर की किरपा है। बाई की बजै सै जे लोग जो तेरे संग हैं बे बी बच गए हैं।’
तबई पौलुस नै सूबेदार और सिपाईऔं सै कैई कै, “अगर जे जिहाज चलानै बारे लोग हिंया ना रैहए तौ तुम बी ना बचौगे।”
और अगर धरमी आदमी मुसकल सै मुक्ति पागो, तौ पापी लोगौ को और जो परमेसर कै ना मानै हैं उनको का होगो?