34 मैंनै तुमकै रोटी खानै इसताँई कैई कै तुमरो जिन्दो रैहनो जरूरी है। कैसेकै तुम्मै सै किसी की खोपड़ी को एक बार बी नास ना होगो।”
हाँ, तुमरे खोपड़ी के बार बी सब गिने भए हैं।
ईसु नै अपने चेलौ कै धौंरे बुलाकै कैई, “मैंकै इस भीड़ मै तरस आ रओ है, कैसेकै जे तीन दिन सै मेरे संग रैह रए हैं और इनके धौंरे खानै कै कुछ बी ना है और मैं इनकै भूँकोई बिदा कन्नो ना चाँहौ हौं। कहीं ऐंसो ना हो कै जे रस्ता मै बेहोस हो जाँय।”
और देखौ तुमरे खोपड़ी के एक-एक बार तक गिने भए हैं। तुम तौ भौत सी चिरईयौ सै जादा कीमती हौ। इसताँई डरौ मत।
पर तुमरे खोपड़ी को एक बार बी बांको ना होगो।
सकारो होनै सै पैले पौलुस नै उनसै रोटी खानै के ताँई बिनती करी कै, “तुमकै आस देखते देखते भूँके रैहए भए चौदैह दिन हो चुके हैं और तुमनै कुछ बी खाओ ना है।
जैसो मसी ईसु की सोच ही बैसेई तुमरी बी सोच होए।
तुम बस पानीअई ना पिऔ, बलकन अपने पेट के हाजमा के ताँई और बेरमबेरा तबियत खराब होनै सै बचनै के ताँई अंगूर को रस बी पिए करौ।