26 पर हम किसी टापू मै जरूर पौंचंगे।”
और जाके बाद मल्हा लोगौ नै जिहाज के ऊपर छोटी किसतिऔ कै रस्सी सै बांधो, कैसेकै लोग डर रए हे कै कहीं सुरतिस की दल-दल मै जिहाज ना फस जाऐ। इसताँई जिहाज के पाल उतार दए और जिहाज कै पानी के बहाब मै बैहन दओ।
जब चौदहमी रात आई और हम आदरीया समन्दर मै भटक रए हे। तबई आधी रात के बखत मै जिहाज चलानै बारे कै ऐंसो लगो कै हम किसी छोटे देस मै पौंच गए हैं।
जिहाज कै चट्टान मै टकरानै के डर की बजै सै उनौनै जिहाज के पिच्छे की ओर चार लंगर डारे जिस्सै की जिहाज रुक जाऐ और पिराथना करल लगे कै दिन लिकर जाऐ।
जब हम ठीक ठाक बचकै लिकर आए तबई हमकै जौ पतो लगो कै जौ माल्टा टापू है।