25 तबई पौलुस नै कैई, “हे आदरनीय फेस्तुस, मैं पागल ना हौं, पर मैं सच्ची और समज की बात कैबौ हौं।
“आदरनीय राजपाल फेलिक्स कै कलोदियुस लुसियस की ओर सै नमस्कार।
और उस बिसवासजोग बचन मै, जो धरम के उपदेस के अनुसार है, खड़ो रैह, कै खरी सिक्छा सै उपदेस और हिम्मत दे सकै और बिरोदिऔं को मौह बी बन्द कर सकै।
पर मसी कै अपनी जिन्दगी मै सच्चे मन सै परभु मानकै पबित्तर समजौ, और जो उमीद तुमरी मसी मै है अगर बाके बारे मै कोई पूँछै तौ बाकै जबाब दैनै के ताँई तईयार रौह, पर पियार और आदर के संग।
बुराई के बदले बुराई ना करौ और ना बेजती के बदले बेजती करौ; बलकन दूसरौं कै आसीरबाद देओ कैसेकै तुमकै परमेसर नै इसताँई बुलाओ है कै तुम आसीस पाऔ।
इसताँई हर जघै और हर बखत हम तेकै धन्नबाद देवै हैं।
ईसु नै जबाब देते भए कैई, “मैं मै दुसट आत्मा ना है, पर मैं अपने अब्बा की इज्जत करौ हौं, और तुम मेरी बेजती करौ हौ।
इसताँई मैंकै बी जौ ठीक मालूम पड़ो कै उन सब बातौं को सैरो हाल सुरू सै ठीक-ठीक जाँच करकै उनकै तेरे ताँई एक-एक करकै लिखौ।