जब लड़ाई भौत जादा होल लगी तौ सैनापति डर गओ कै कहीं जे लोग पौलुस के टुकड़ा-टुकड़ा ना कर दैं। तबई बानै सिपाईऔं कै हुकम दओ कै बे भीड़ मै जाकै पौलुस कै उनके बीच मैसै लिकारकै छाबनी मै ले जाऐ।
तबई बानै दो सूबेदार कै अपने धौंरे बुलबाओ और कैई कै, “दो सौ सिपाई, सत्तर घोड़ा बारे, और दो सौ भाले बारौ कै रात के नौ बजे के बखत केसरिया जानै के ताँई तईयार करौ।
और जाके ऊपर इलजाम लगानै बारे लोगौ कै तेरे सामने लानै को हुकम देओ। हम जिन बातौं को इलजाम जाके ऊपर लगाबैं हैं, तू खुदई जासै पूँछ ले तबई तेकै बी पतो चलैगो।”