अगर तुमरो सैरो सरीर उज्जेरे सै भरो भओ है और उसको कोई बी अंग इन्धेरे मै ना है तौ बौ पूरी तरै ऐंसे चमकैगो मानौ कोई दिया अपनी चमक सै तेकै उज्जेरो देवै है।”
देख परभु तेरे बिरोद मै है और अब तू थोड़े बखत के ताँई अन्धो रैहगो और तू सूरज के उज्जेरे कै बी ना देख सकैगो।” तबई बाकी आँख मै धुंदरोपन और इन्धेरो छा गओ और बौ इतै-उतै ढूंड़ल लगो कै कोई बाको हात पकड़कै बाकै ले जाऐ।