कैसेकै पौलुस नै पिन्तेकुस तौहार के दिन ऐरूसलेम मै पौंचनै की सोची ही, इसताँई बानै ठानी कै इफिसुस की रस्ता सै जाऐ जिस्सै कै मैंकै एसिया इलाके मै रुकनो ना पड़ै।
दूसरे दिन हम सफर करकै केसरिया मै पौंचे और बहाँ हम फिलिप्पुस के घर गए जो अच्छी खबर को परचार करै हो। बौ ऐरूसलेम की बिसवासिऔ की मंडली के उन सात सेवकौ मै सै एक हो जिसकै काम कन्नै के ताँई छाँटर खाओ हो।
जौ चिट्ठी मसी ईसु की सेवा कन्नै बारे पौलुस और तीमुथियुस की ओर सै, फिलिप्पी मै रैहनै बारे मसी ईसु के सिगरे बिसवासी लोगौ कै और मुखियौं कै, और सेवकौ कै,
और तुम जौ बात बी जानौ हौ कै तुमरे धौंरे आनै सै पैले फिलिप्पी मै हमकै दुख झेलनो और बुरो बरताब सैहनो पड़ो। पर फिर बी हमनै परमेसर की सायता सै बड़े बिरोद को सामनो करते भए, बिना डरे तुम लोगौ के बीच मै परमेसर की अच्छी खबर कै सुनाओ है।