“उन दिनौ जो मुसीबत पड़ैगी उसके तुरन्त बाद, “‘सूरज कारो पड़ जागो, चाँद सै उसकी चाँदनी ना छिटकैगी आसमान सै तारे गिरललगंगे और आसमान की महासकति हला दई जांगी।’
फिर ईसु नै कैई, “उन दिनौ सूरज, चाँद और तारौं मै चमत्कारी चिन्न दिखाई दंगे और धरती मै जाति-जाति के सब लोगौं मै मुसीबत आंगी और बे समन्दर के गरजनै और उथल पुथल सै घबरा जांगे।
पर परभु को दिन चोर के हाँई अचानक सै आगो, बा दिन आसमान एक बड़ी अबाज के संग गायब हो जागो और एक बड़ी लपट के संग सबई चीज पिगल जांगी, और धरती और बाके सबई काम सामने आ जांगे।
पर बाके बचन के दुआरा जा जमाने के आसमान और धरती कै आग सै नास कन्नै के ताँई बचाकै रक्खो है, और नियाय के दिन तक और परमेसर कै ना माननै बारे लोगौ को नास होनै तक ऐंसेई रैहंगे।