17 “‘परमेसर कैबै है कै, आखरी बखत मै ऐंसो होगो कै, मैं सबई लोगौ मै अपनी पबित्तर आत्मा उतारंगो और तुमरे लौंड़ा और लौंड़िया परमेसर की ओर सै बोलंगे, और तुमरी नई पीड़ी दरसन पांगी और तुमरे बुजरग सपनो देखंगे।
ईसु नै परमेसर के खाने हात की ओर सबई सै ऊँची जघै पाई, और बाकै बौ पबित्तर आत्मा दई जिसको बादो परम पिता परमेसर नै करर खाओ हो। फिर बानै जा आत्मा कै हमरे ऊपर उतारो जिसकै अब तुम देखौ और सुनौ हौ।
किसी कै बड़े अचम्बे काम कन्नै की सकति, और किसी कै परमेसर की ओर सै बोलनै की सकति, और किसी कै अच्छी बुरी आत्मा कै परखनै की और किसी कै अगल अगल भासा बोलनै की और किसी कै भासाऔ को अरथ बतानै की सकति देर खाई है।
परमेसर नै बिसवासिऔ की मंडली मै अगल अगल आदमिऔ कै ठैरार खाओ है, पैलो भेजे भए चेलौ कै, नबिऔ कै, फिर गियान दैनै बारौ कै, फिर सकति के काम कन्नै बारौ कै, बेमारौं कै ठीक कन्नै को बरदान मिलनै बारौ कै, और दूसरौं की सायता कन्नै बारौ कै, और चीजौ को बन्दोबस्त कन्नै बारौ और दूसरी दूसरी भासा बोलनै बारौ कै।
तुमरे सौने चाँदी मै जिंगाल लग गई है, और बौ जिंगाल तुमरे खिलाप गभाई देगी, और बौ आग के हाँई तुमरो मांस कै खा जागी। कैसेकै तुम लोगौ नै आखरी के दिनौ मै धन-दौलत को ढेर लगाओ है।