उनके मन की कठोरता देक्कै ईसु कै दुख भओ फिर ईसु नै घुस्सा मै भरकै चारौ ओर देखो और उस आदमी सै कैई, “अपनो हात बढ़ा,” उसनै ऐंसोई करो और बाको हात ठीक हो गओ।
“जब मैं घूम रओ हो तबई मैंनै इन चीजौ कै तुमकै पूजते भए देखो तबई एक जघै ऐंसी बेदी देखी जिसमै जौ लिखो हो, ‘अनजाने देबता के ताँई’ इसताँई जिसकै तुम बगैर जाने पूजौ हौ, मैं तुमकै बाके बारे मै बताबौ हौं।