जब बे बरत रैहकै परभु के भजन किरतन कर रए हे, तबई पबित्तर आत्मा नै उनसै कैई कै, “मेरे जा काम के ताँई बरनबास और साऊल कै अगल करौ जिसके ताँई मैंनै उनकै बुलार खाओ है।”
और बहाँ सै पानी के जिहाज मै बैठकै अन्ताकिया आए। जहाँ सै बा काम कै सुरू कन्नै के ताँई परमेसर सै आसीस माँगी ही बाई जघै बापस आए और उनौनै बौ काम अब पूरो करो।
तबई हननियाह बा घर मै गओ और साऊल के ऊपर हात रक्कै कैई कै, “हे भईया साऊल, परभु ईसु तेकै बा रस्ता मै जिस्सै तू आ रओ हो दिखाई देओ हो, बानै मैंकै इसताँई भेजो है कै तू फिर सै देख सकै और पबित्तर आत्मा सै भर जाऐ।”
और अच्छी खबर सुनानै बारो तब तक कैसे सुना सकै है जब तक कै उनकै भेजो ना जाऐ? जैसो पबित्तर सास्तर मै लिखो है, “अच्छी खबर सुनानै बारौं के पाँऐ कितने भारचे हैं?”
बिना सोचे समजे किसी बी बिसवासी आदमी के मूड़ मै हात रखकै बाकै परभु के काम के ताँई ना भेजौ, और दूसरौं के पापौं मै साजेदार ना बनौ और खुद कै पबित्तर बनाऐ रक्खौ।