“मैं याफा सैहर मै पिराथना कर रओ हो और पिराथना करते करते मैंनै एक दरसन देखो कै एक चद्दर के हाँई कोई बड़ी चीज चारौ कौने सै लटकती भई, आसमान सै मेरे धौंरे उतरकै आई।
बिसवास की बजै सैई जब परमेसर नै इब्राहिम कै बुलाओ तब बौ बाको हुकम मानकै बा जघै के ताँई लिकरो जिस जघै कै बिरासत मै दैनै को बादो परमेसर नै बासै करो हो। और बौ जौ बात ना जानै हो कै मैं कहाँ जा रओ हौं पर तब्बी बौ बहाँ गओ।