मैं तौ पानी सै तुमकै मन फिरानै को जल संस्कार देवौ हौं, पर जो मेरे बाद आनै बारो है, बौ मैंसै महान है, मैं तौ उसके जूता के फीता खोलनै के लायक बी ना हौं, बौ तुमकै पबित्तर आत्मा और आग सै जल संस्कार देगो।
तबई परभु को एक सुरगदूत पतरस के धौंरे आओ और जेल की कोठरी मै बेसानी उज्जेरोई उज्जेरो हो गओ। बानै पतरस कै हलाकै जगाओ और कैई कै, “जल्दी फटा फट उठ” और बाके हात सै साँकर खुल कै गिर गंई।