“मैं याफा सैहर मै पिराथना कर रओ हो और पिराथना करते करते मैंनै एक दरसन देखो कै एक चद्दर के हाँई कोई बड़ी चीज चारौ कौने सै लटकती भई, आसमान सै मेरे धौंरे उतरकै आई।
मैं अच्छी खबर सै ना सरमाबौ हौं, कैसेकै अच्छी खबर मुक्ति पानै के ताँई, जो उसके ऊपर बिसवास करै है, उन सबके ताँई परमेसर की सकति है पैले यहूदी के ताँई फिर यूनानी के ताँई।
जो ईसराइली हैं और जिनकै परमेसर की औलाद होनै को अधकार है, जे परमेसर की महिमा कै देख चुके हैं, और परमेसर नै इनके संग करारनामो करो है। जिनकै मूसा के दुआरा देए भए नियम, सच्ची आराधना, और बचन दओ है।
और अब किसी मै कोई फरक ना है, चाँहे यूनानी होए या यहूदी, चाँहे खतना बारो होए या बिना खतना बारो, चाँहे सैहर को होए या जंगल को, चाँहे गुलाम होए या आजाद। मसी सिगरी बातौं मै सबई सै बढ़कै है और बौ हम सबई मै रैहबै है।
और तब सुरग मै परमेसर को मन्दर खुल गओ और उस मन्दर मै बाचा को सन्दूक दिखाई दओ, और फिर बिजली को चमकनो, बादर को गरजनो, गड़गड़ाहट की अबाज, हालोचालो भओ और बड़े-बड़े ओरे पड़े।
फिर मैंनै सुरग कै खुलतो भओ देखो और बहाँ मेरे सामने एक सपेद घोड़ा हो। और जो घोड़ा मै बैठौ है बौ बिसवासजोग, और सच कैलाबै है। बौ सच्चाई के संग नियाय और लड़ाई करै है।
इन बातौं के बाद मैंनै नजर उठांई तौ का देखौ हौं कै सुरग मै एक मौहड़ो खुलो भओ है, और तुरही की अबाज के जैसी जो पैली अबाज मैंनै सुनी, बानै कैई, “हिंया ऊपर आ, और मैं बे बात तेकै दिखांगो, जिनको इन बातौं के बाद पूरो होनो जरूरी है।”