दूसरे दिन हम सफर करकै केसरिया मै पौंचे और बहाँ हम फिलिप्पुस के घर गए जो अच्छी खबर को परचार करै हो। बौ ऐरूसलेम की बिसवासिऔ की मंडली के उन सात सेवकौ मै सै एक हो जिसकै काम कन्नै के ताँई छाँटर खाओ हो।
जब बे बाकै मारनै के ताँई रस्सी सै बांध रए हे तबई पौलुस नै अपने धौंरे खड़े बा सूबेदार सै कैई कै, “का जौ सई है कै तू एक रोमी आदमी कै जिसके ऊपर इलजाम साबित ना भओ होए, कोड़ा मारै?”
तबई बानै दो सूबेदार कै अपने धौंरे बुलबाओ और कैई कै, “दो सौ सिपाई, सत्तर घोड़ा बारे, और दो सौ भाले बारौ कै रात के नौ बजे के बखत केसरिया जानै के ताँई तईयार करौ।
जब जौ तय हो गओ कै हमकै पानी के जिहाज सै इटली जानो है तौ तबई उनौनै पौलुस और दूसरे कैदिऔ कै बी बहाँ के रोमी सैना के सूबेदार कै सौंप दओ जिसको नाम यूलियुस हो।