हर एक घड़ी मै मैंनै मैहनत कर करकै तुमरे सामने दिखाओ है कै दूसरौं की कैसे सायता करैं। परभु ईसु के बचन कै याद रक्खौ जो बानै कैओ हो कै, ‘माँगनै सै दैनो जादा अच्छो है।’ ”
तौ फिर मेरी डिहाड़ी किस चीज मै है? जामै है कै जब मैं किसी सै बिना कुछ लेए भए मसी की अच्छी खबर को परचार करौ हौं, और अच्छी खबर सुनानै मै जो कुछ मेरो पानै को हक है, बाको फाएदा मैं ना उठामौ हौं।
तुम कुछ बी काम मै दूसरे बिसवासिऔ की मंडलिऔ सै कम ना हे। सिरप जाके कै मैं पैसौ की बजै सै तुमरे ऊपर बोज ना बन्नो चाँहै हो। और जा अनियाय की बजै सै मैंकै माफ करौ।
इस बखत तुमरे ताँई मैं जो बी मुसीबत उठा रओ हौं, बाके बजै सै मैं खुस हौं। मसी को सरीर मतलब बिसवासिऔ की मंडली के ताँई मसी के दुख उठानै की जो बी कसर मेरी रैह गई है, बौ मैं अपने सरीर मै लेकै पूरी करौ हौं।