ओ भईयौ और बहनौ, मैं तुमकै परभु ईसु मसी के नाम सै हुकम देवौ हौं कै जो बिसवासी लोग आलस करै हैं, और हमरी देई भई सिक्छा के हिसाब सै ना चलै हैं, उनसै दूर रौह।
कैसेकै कसरत सरीर के ताँई अच्छी है। पर भक्ति की जिन्दगी बासै बी जादा अच्छी है, कैसेकै इसई के ताँई हमकै जा जिन्दगी को और आनै बारी जिन्दगी को बादो मिलै है।
पर कोई अपने रिस्तेदारौ की और खास करकै अपने टब्बर के आदमिऔ की फिकर ना करै है, बौ बिसवास मै पिच्छे हट गओ है, और बौ उनसै बी बुरो बन गओ है, जो बिसवास ना करैं हैं।
बे कैबै हैं कै हम परमेसर कै जानै हैं, पर अपने कामौ सै उसको इनकार करैं हैं, कैसेकै बे नफरत कन्नै बारे और आगियाँ ना माननै बारे हैं, और किसी अच्छे काम के लायक ना हैं।