कैसेकै अगर मैं जा हक के बारे मै घमंड करौं जो परभु नै तुमरे नास के ताँई ना पर तुमरे आत्मिक रूप कै बढ़ानै के ताँई दओ है, तौ बाके ताँई मैं सरमिन्दा ना हौंगो।
मैं तुमसै दूर होते भए बी तुमकै जे सब बात लिख रओ हौं कै जब मैं तुमरे धौंरे आंगो तौ मैंकै परभु के देए भए हक सै तुमरे संग कठोर बरताब कन्नो ना पड़ै। कैसेकै जौ हक मैंकै परभु नै देओ है बौ बिगाड़नै के ताँई ना पर तुमकै बढ़ानै के ताँई देओ है।
ओ भईयौ और बहनौ, मैं तुमकै परभु ईसु मसी के नाम सै हुकम देवौ हौं कै जो बिसवासी लोग आलस करै हैं, और हमरी देई भई सिक्छा के हिसाब सै ना चलै हैं, उनसै दूर रौह।