ओ भईयौ और बहनौ, मैं तुम लोगौ सै बिनती करौ हौं कै जो सिक्छा तुमकै मिली है उस सिक्छा के बिरोद मै जो फूट डारै हैं, और ठोकर खबानै को काम करै है उन लोगौ सै दूर रौह।
हे मेरे पियारे भईयौ, मेरी इच्छा है कै मैं तुमसै मिलौं कैसेकै तुम मेरी खुसी, और मेरी इज्जत हौ, और तुमकै जैसो मैंनै बताऔ है, परभु मै तुम बैसेई पक्के बने रौह।
कै आत्मा या बचन या कोई चिट्ठी के दुआरा जो मानौ हमरी ओर सै हो और बामै लिखो होए कै परभु को दिन आ चुको है, तौ तुम अपने मन कै बेचैन ना होन देईओ और ना घबरइओ।
ओ भईयौ और बहनौ, मैं तुमकै परभु ईसु मसी के नाम सै हुकम देवौ हौं कै जो बिसवासी लोग आलस करै हैं, और हमरी देई भई सिक्छा के हिसाब सै ना चलै हैं, उनसै दूर रौह।
पियारे सातिऔं, मैं उस मुक्ति के बारे मै लिखनै की कोसिस कर रओ हो जिसमै हम सब सामिल हे, पर जौ मैंनै लिखनो और बिनती कन्नो जरूरी समजो कै तुम बा बिसवास के ताँई बड़े जोस सै कोसिस करते रौह जो हमेसा के ताँई परमेसर के पबित्तर लोगौ कै देओ गओ हो।