“तब आसमान मै आदमी के लौंड़ा को चिन्न दिखाई देगो, धरती की सैरी जाति के लोग छाती पीटंगे और बे आदमी के लौंड़ा कै सकति और महिमा के संग आसमान के बादरौं मै आते भए देखंगे।
आदमी को लौंड़ा तौ मरैगोई, जैसो कै बाके बारे मै पबित्तर सास्तर मै लिखो है, पर धिक्कार है उस आदमी मै, जो आदमी के लौंड़ा कै पकड़बावै है, बा आदमी के ताँई कितनो अच्छो होतो कै बौ पैदाई ना भओ होतो।”
जब लोग जौ कैंगे कै, “अब तौ चैन और किसी बात को डर ना है” तौ तबई एकदम बिनास आगो और ऐंसो कै जैसे एक गरबबती बईयर के बालक जननै के बखत जो दरद अचानक सै आवै है बैसेई आगो और बा बिनास सै कोई बी बच ना पागो।
तौ तुम जौ सोचौ कै बा आदमी कै कितनी बड़ी सजा मिलैगी जिसनै परमेसर के लौंड़ा कै पाँऐ सै किचलो और जिस खून नै परमेसर के संग एक करारनामो करबाओ और उनकै पबित्तर बनाओ और बा खून कैई अपबित्तर ठैराओ और जो किरपा की आत्मा है बाकी बेजती करी।
पर बाके बचन के दुआरा जा जमाने के आसमान और धरती कै आग सै नास कन्नै के ताँई बचाकै रक्खो है, और नियाय के दिन तक और परमेसर कै ना माननै बारे लोगौ को नास होनै तक ऐंसेई रैहंगे।
मगर डरपौकौ, अबिसवासिऔं, बुरे लोगौ, खूनी, बैबिचारिऔ, जादू कन्नै बारे और मूरती पूजा कन्नै बारे और सबई झूँट बोलनै बारौं को हिस्सा उस झील मै मिलैगो, जिसमै आग और गन्धक पजरती रैहबै है। जौ दूसरी मौत है।”
पर कुत्ता, जादू-टोना कन्नै बारे, बैबिचारी लोग, खूनी लोग, मूरती पूजा कन्नै बारे, और हर एक झूँट बोलनै बारे और झूँट सै पियार कन्नै बारे, बाहारई रैहंगे।