17 पियारे भईयौ, तुम इन बातौं कै पैलेई सै जानौ हौ इसताँई चौकस रौह। कहीं ऐंसो ना होए कै तुम उन दुसट आदमिऔ के बैहकाबे मै आकै अपनी रस्ता सै ना भटकिओ और अपनी मजबूती कै हात सै जान मत देईओ।
और जे बात मैंनै इसताँई कैंई हैं कै जब टैम आगो तौ तुमकै याद रैहए कै मैंनै तुमकै उनके बारे मै बता दओ हो, और जे बात मैंनै तुमसै सुरू मै इसताँई ना कैंई कैसेकै मैं तुमरे संग हो।
मैं अबी तुमसै भौत दूर हौं पर दिल सै तुम लोगौ के संग हौं और मैंकै जौ बात सुनकै भौत खुसी होवै है कै, तुम अपनी जिन्दगी मै नियम सै चल रए हौ और तुमरो बिसवास मसी मै पक्को है।
चौकस रौह, कहीं ऐंसो ना होए कै तुमकै आदमी को गियान, झूँटी और बेकार की बातौं सै कोई अपने कबजा मै ना कर लै, जो आदमिऔ और दुनिया के बनाए भए रीती रिबाज के ऊपर टिके हैं, पर मसी की सिक्छा ऐंसी ना है।