10 पर परभु को दिन चोर के हाँई अचानक सै आगो, बा दिन आसमान एक बड़ी अबाज के संग गायब हो जागो और एक बड़ी लपट के संग सबई चीज पिगल जांगी, और धरती और बाके सबई काम सामने आ जांगे।
पर बाके बचन के दुआरा जा जमाने के आसमान और धरती कै आग सै नास कन्नै के ताँई बचाकै रक्खो है, और नियाय के दिन तक और परमेसर कै ना माननै बारे लोगौ को नास होनै तक ऐंसेई रैहंगे।
और जिन सुरगदूतौं नै अपनी रैहनै की जघै और पद कै छोड़ दओ हो उनकै परमेसर नै हमेसा के ताँई कुप्प इन्धेरे मै बांधकै नियाय के आखरी दिनौ मै सजा के ताँई रखर खाओ है।
“देखौ! मैं चोर के हाँई आ रओ हौं। धन्न है बौ, जो जगतो और अपने लत्तौ कै अपने संग रक्खै है, ताकि बौ नंगो ना फिरै और लोगौ के सामने उसकै सरमिन्दा ना होनो पड़ै।”
इसताँई याद कर, कै तैनै कैसी सिक्छा पाई ही और सुनी ही, और उनमै बनो रैह और मन फिरा। अगर तू जगो ना रैहगो तौ मैं चोर के हाँई आ जांगो और तू जान ना सकैगो कै मैं किस घड़ी तेरे धौंरे आ गओ।