“और अरे, कफरनहूम के लोगौ! का तुमकै सुरग तक ऊँचो उठाओ जागो? ना! तुमकै तौ अधलोक मै नरक तक नीचे गिरा दओ जागो, कैसेकै जो चमत्कार तुम्मै करे गए हैं, अगर सदोम मै करे जाते, तौ बौ जघै आज तक बनी रैहती।
इसताँई हमकै बी आराम कन्नै की जघै मै जानै के ताँई कोसिस करती रैहनी चँईऐ कै, कहीं ऐंसो ना होए कै जैसे हुकम ना माननै की बजै सै उनको नास भओ, बैसोई हमरो बी कहीं नास ना हो जाऐ।
और परमेसर सबको नियाय करैगो।” दुसट लोगौ कै उनके बुरे काम के ताँई और जो उनौनै अपनी बुराई की बजै सै करर खाए हैं और उन दुसट पापी लोगौ कै जिनौनै बाके खिलाप बुरे बचन बोले हैं, उनकै परमेसर दोसी ठैरागो।
जिस तरै सदोम, अमोरा और बाके अड़ोस-पड़ोस के इलाके के लोग जो बैबिचार करल लगे हे और हर तरै की सरीर की बुरी इच्छा मै पड़े। तबई परमेसर नै इन इलाकेऔ कै कबी ना बुतनै बारी आग मै जरानै की सजा दई, और हमरे ताँई जौ एक उदाहरन है।