“मेरे अब्बा नै मैंकै सब कुछ सौंप दओ है। अब्बा कै छोड़कै जौ कोई बी ना जानै है कै लौंड़ा कौन है और लौंड़ा कै छोड़कै जौ कोई बी ना जानै है कै अब्बा कौन है। सिरप बौई जानै है, जिसके ऊपर लौंड़ा नै, अब्बा कै जान्नै की किरपा करी है।”
ईसु नै बासै कैई, “मैंकै मत छूँ, कैसेकै मैं अब तक अब्बा के धौंरे ऊपर ना गओ हौं, पर मेरे भईयौ के धौंरे जा, और उनकै बता कै, ‘मैं अपने अब्बा और तुमरे अब्बा और अपने परमेसर और तुमरे परमेसर के धौंरे ऊपर जाबौ हौं।’”
कैसेकै अब्बा लौंड़ा सै पियार करै है और बौ उन सब कामौ कै बाकै दिखाबै है जिनकै बौ खुद करै है, और बौ इनसै बी बड़े कामौ कै बाकै दिखागो जिस्सै तुम अचम्बो करौगे।
बा खाने के ताँई मैहनत ना करौ जो सड़ जावै है, पर बा खाने के ताँई मैहनत करौ जो हमेसा जिन्दगी भर बनो रैहबै है, जिसकै आदमी को लौंड़ा तुमकै देगो, कैसेकै अब्बा यानी परमेसर नै बाई मै अपनी मौहर लगाई है।”
बौ परमेसर की बड़ाई की चमक है और बाको पूरो सौभाब बाईके हाँई है और बौ अपने बचन की सकति सै सिगरी चीजौ कै सई सै समारै है और बौ पापौं कै धोकै सुरग मै महान परमेसर के खाने हात बैठ गओ है।