अगर तू बिसवासी लोगौ कै इन बातौं कै याद दिब्बातो रैहगो, तौ तू ईसु मसी को अच्छो सेवक बनो रैहगो। और बिसवास और बा सई उपदेस की बातौं कै जिनकै तू सच्चे दिल सै मानते भओ आओ है।
तुम तरै-तरै की सिक्छा के बैहकाबे मै ना अईओ। तुमरे दिल के ताँई जौ अच्छो है कै बौ परमेसर की किरपा के दुआरा मजबूत करो जाय। पर खानै पीनै के नियम के ताँई ना, कैसेकै जो खानै पीनै के नियम कै मानै है उनकै कुछ फाएदा ना मिलै है।
अब परमेसर जो सिगरे किरपा को धनी है, जिसनै तुमकै मसी मै अपनी हमेसा की महिमा के ताँई बुलाओ है, तुमरो थोड़े देर को दुख सैहनै के बाद बौ खुदई तुमकै सिद्द, पक्के, सकतिसाली और तागत बारो बनागो।
मैंनै जौ छोटी सी चिट्ठी सिलवानुस के हात सै लिखबाई है, जिसकै मैं बिसवासजोग भईया मानौ हौं। मैं तुमकै समजाबौ हौं और अपनी जौ गभाई देवौ हौं कै, परमेसर की सच्ची किरपा जौई है और जाई मै बने रौह।
पियारे भईयौ, तुम इन बातौं कै पैलेई सै जानौ हौ इसताँई चौकस रौह। कहीं ऐंसो ना होए कै तुम उन दुसट आदमिऔ के बैहकाबे मै आकै अपनी रस्ता सै ना भटकिओ और अपनी मजबूती कै हात सै जान मत देईओ।
पियारे सातिऔं, मैं उस मुक्ति के बारे मै लिखनै की कोसिस कर रओ हो जिसमै हम सब सामिल हे, पर जौ मैंनै लिखनो और बिनती कन्नो जरूरी समजो कै तुम बा बिसवास के ताँई बड़े जोस सै कोसिस करते रौह जो हमेसा के ताँई परमेसर के पबित्तर लोगौ कै देओ गओ हो।