जब मैंनै जौ चिट्ठी लिखी, तौ जौ उन आदमिऔ की बजै सै ना लिखी ही जो दोसी हैं, और ना उनके ताँई जिनके ऊपर दोस लगाओ गओ है। पर इसताँई लिखी कै तुम लोग परमेसर के सामने जौ अच्छी तरै सै समज लो कै तुमकै मेरी कितनी फिकर है।
और सिरप बाके आनै सैई ना बलकन बा तसल्ली सै बी जो बाकै तुम लोगौ की ओर सै मिलै है। मेरी खुसी और बी जादा इसताँई बढ़ गई कै बानै मेरे ताँई तुमरी लगन, तुमरे दुख और तुमरे हिम्मत की खबर मैंकै दई।
जो कोई तीतुस के बारे मै पूँछै, तौ बौ मेरो साती और तुमरे ताँई सायता कन्नै बारो है, और अगर कोई तुमरे संग जानै बारे हमरे भईयौ के बारे मै पूँछै, तौ बे बिसवासिऔ की मंडलिऔ के भेजे भए और मसी की बड़ाई कन्नै बारे हैं।
इसताँई हमनै तीतुस सै बिनती करी ही कै, जैसे बानै दान की सेवा के काम कै सुरू कन्नै मै तुमरी सायता करी ही, बैसेई बौ तुमरे बीच मै बा सेवा के काम कै पूरो कन्नै मै सायता करै।
कैसेकै परमेसर नै उनके मन मै जौ बात डारी है कै, बे उसकी इच्छा पूरी करैं, और जब तक परमेसर के बचन पूरे ना होवै हैं, तब तक राज कन्नै को अपनो अधकार उस जनाबर कै दे दंगे।