9 अब मैं खुस हौं, पर इसताँई ना कै मैंनै तुमरे दिल कै चोट पौंचाई पर इसताँई कै बा दुख की बजै सैई तुमरो मन बदल गओ है। कैसेकै तुमरो बौ दुख परमेसर की ओर सै हो कै हमरी ओर सै तुमकै किसी बी बात मै नुकसान ना पौंचै।
मैं तुमसै कैरओ हौं, इसई तरै जब कोई एक भटको भओ पापी, परमेसर की ओर लौहट आवै है तौ सुरग मै इत्ती खुसी होवै है जितनी कै उन निन्नियानबे लोगौं के ताँई ना होवै है जो धरमी हैं, जो भटके भए ना हैं।”
हमकै घमंड है, कै हम जौ बात कै साप मन सै बोल सकै हैं, हमनै जा दुनिया के संग और खास करकै जैसो परमेसर नै चाँहो बैसोई हमनै तुम लोगौ के संग ईमानदारी और सच्चाई के संग बरताब करो है। जे बात परमेसर की किरपा सै मिलै हैं ना कै दुनिया की मन की समज सै।
मैंनै अपनी चिट्ठी सै तुम लोगौ के दिल मै चोट पौंचाई है। पर फिर बी मैंकै जाकै लिखनै को कुछ दुख ना है। मैंकै तौ जौ देक्कै दुख भओ हो कै बा चिट्ठी नै तुम लोगौ कै थोड़े बखत के ताँई दुखी कर दओ हो।