3 मैं तुम लोगौ के ऊपर दोस लगानै के ताँई जौ सबई कुछ ना कैरओ हौं। पर मैंनै तौ तुमसै जौ बात पैले बी कैई ही कै तुम हमरे दिल मै ऐंसे बस गए हौ कै हम तुमरे संग जीनै के ताँई और मरनै के ताँई बी तईयार हैं।
मेरे धौंरे जो कुछ है, बाकै मैं तुमरे ताँई खुसी के संग खरच करौ हौं और तुमरे ताँई मैं खुद कै बी खरच कर दंगो। जब मैं तुमसै जादा पियार करौ हौं, तौ तुम मैंसै कम पियार कैसे कर सकौ हौ?
मैं तुमसै दूर होते भए बी तुमकै जे सब बात लिख रओ हौं कै जब मैं तुमरे धौंरे आंगो तौ मैंकै परभु के देए भए हक सै तुमरे संग कठोर बरताब कन्नो ना पड़ै। कैसेकै जौ हक मैंकै परभु नै देओ है बौ बिगाड़नै के ताँई ना पर तुमकै बढ़ानै के ताँई देओ है।
जब मैंनै जौ चिट्ठी लिखी, तौ जौ उन आदमिऔ की बजै सै ना लिखी ही जो दोसी हैं, और ना उनके ताँई जिनके ऊपर दोस लगाओ गओ है। पर इसताँई लिखी कै तुम लोग परमेसर के सामने जौ अच्छी तरै सै समज लो कै तुमकै मेरी कितनी फिकर है।
तुम सबके बारे मै ऐंसो सोचनो मेरे ताँई ठीकई है, कैसेकै तुम मेरे दिल मै बसे भए हौ, चाँहै मैं जेल मै हौं, या मैं अच्छी खबर की सच्चाई कै बचाबौ हौं या पक्को दाबो करौ हौं, और उन सबई बखतौ मै तुम सबई परमेसर के जा किरपा मै मेरे साती हौ।