2 कैसेकै परमेसर नै कैई ही कै, “मैंनै सई बखत मै तुमरी बिनती सुन लई, और मुक्ति के दिनौ मै मैंनै तुमरी सायता करी ही।” देखौ, जौई सई बखत है। और मुक्ति को दिन बी जौई है।
इसताँई परमेसर नै एक और खास दिन ठैराओ जिसको नाम “आज को दिन है।” भौस्से सालौं के बाद दाऊद के दुआरा परमेसर नै बा “आज के दिन” के बारे मै कैई, जिस दिन के बारे मै पैले बी कैओ जा चुको हो, “अगर तुम आज बाकी अबाज सुनौ तौ अपने दिलौ कै कठोर ना करिओ।”