बा खाने के ताँई मैहनत ना करौ जो सड़ जावै है, पर बा खाने के ताँई मैहनत करौ जो हमेसा जिन्दगी भर बनो रैहबै है, जिसकै आदमी को लौंड़ा तुमकै देगो, कैसेकै अब्बा यानी परमेसर नै बाई मै अपनी मौहर लगाई है।”
इसताँई भईयौ और बहनौ, हम तुमसै परभु ईसु के नाम सै जौ बिनती करै है कै परमेसर कै खुस कन्नै के ताँई कैसी जिन्दगी जीनी चँईऐ, बाके बारे मै हमनै तुमकै सिकार खाओ है। तुम बैसेई जिऔ और जादा बढ़कै करौ।
जो राज हमकै मिलो है बाकै हलाओ ना जा सकै है, इसताँई हमकै बा किरपा कै अपने हात सै ना जान देनो है जिसकी बजै सै हम भक्ति और डर के संग परमेसर की आराधना करैं जिस्सै बौ खुस होवै है।
इसताँई हमकै बी आराम कन्नै की जघै मै जानै के ताँई कोसिस करती रैहनी चँईऐ कै, कहीं ऐंसो ना होए कै जैसे हुकम ना माननै की बजै सै उनको नास भओ, बैसोई हमरो बी कहीं नास ना हो जाऐ।
इसताँई पियारे दोस्तौ, जब तुम इन बातौं की आस रक्खौ हौ तौ ऐंसी कोसिस करे करौ कै तुम लोग परभु की नजरौ मै बिना कलंक के और बिना गलती के बाके संग मेल-जोल रखे करौ।