कैसेकै हम जौ जानै हैं कै जौ हमरो सरीर एक तम्बू के हाँई है जिसमै हम जा धरती मै रैहबैं हैं, और जब जा तम्बू कै गिरा दओ जागो तौ, परमेसर की ओर सै हमकै सुरग मै ऐंसो घर मिलैगो जो कबी खतम ना होगो, और जिसकै किसी आदमी नै ना बनाओ होगो।
जिन चीजौ को बादो करो गओ हो, बौ इन सबई लोगौ कै ना मिलो। पर उनौनै उनकै दूर सैई देखो और उनको सुआगत करो और जौ मान लओ कै हम जा धरती मै परदेसी और अनजाने हैं, जे सिगरे लोग बिसवास करते भए मर गए।
मैं बी एक बिसवासिऔ की मंडली को मुखिया हौं और मसी के दुखौ को गभा हौं; बाकी आनै बारी महिमा मै साजेदार हौं और तुमरे मुखियौं कै हिम्मत देते भए जौ बिनती करौ हौं कै।