और देखौ, जिस पबित्तर आत्मा को बादो मेरे अब्बा नै करो है, उसकै मैं तुमरे ताँई भेजंगो और जब तक तुम सुरग सै सकति कै पा ना लो, तब तक तुम इसई सैहर मै रुके रैहईओ।”
पर मैं जो कुछ बी हौं, बौ परमेसर की किरपा सै हौं। बाकी किरपा जो मेरे ऊपर भई, बौ बेकार ना गई। पर मैंनै सबई सै जादा मैहनत करी, तौबी जौ मेरी ओर सै ना पर परमेसर की किरपा सै भओ, जो मेरे ऊपर ही।
परमेसर के बा किरपा सै, जो मैंकै देओ गओ है। मैंनै समजदार राजमिस्तरी के हाँई नीह डारी, और दूसरो बामै लद्धा रखै है, पर हर एक आदमी चौकस रैह, कै बौ बामै कैसो लद्धा रखै है।
पर परभु नै मैंसै कैई कै, “मेरी किरपा तेरे ऊपर भौत है कैसेकै कमजोरिऔं मैई मेरी सकति सबसै जादा है।” इसताँई मैं अपनी कमजोरिऔं के ऊपर खुसी के संग घमंड करौ हौं कै मसी की सकति मेरे भीतर है।
पर हम मट्टी के बा बरतन के हाँई हैं जिसमै जौ खजानो रक्खो भओ है। जिस्सै जौ साप-साप हो जाऐ कै बौ सकति जो कबी खतम ना होवै है, हमरी ओर सै ना पर बौ परमेसर की ओर सै है।