जब हमरे मौह सै परदा हट गओ है तौ हम एक दरपन के हाँई हैं। और बामै परभु की चमक कै देखै हैं। हम बी बाके हाँई बैसेई होनै लगै हैं, और हमरी चमक बढ़ती चली जावै है और जौ चमक परभु की आत्मा सै मिलै है।
बानै हमकै नए नियम को सेवक होनै के ताँई लायक बनाओ है। किसी लिखे भए नियम को सेवक ना, पर पबित्तर आत्मा को। कैसेकै लिखो भओ नियम मौत देवै है पर पबित्तर आत्मा जिन्दगी देवै है।
ओ भईयौ और बहनौ, परमेसर नै तुमकै आजाद रैहनै के ताँई बुलाओ है, पर ऐंसो ना होए कै तुमरी आजादी सरीर के बुरे कामौ की ओर होए। पर पियार सै एक दूसरे की सेवा करौ।