4 मैंनै चिट्ठी तुमकै बड़े दुख, और दिल के दरद की परेसानिऔ के संग असुआ बहा बहा कै लिखी ही, पर तुमकै दुखी कन्नै के ताँई ना पर इसताँई लिखी कै तुम मेरे बा पियार कै जानौ जो मेरे दिल मै तुमरे ताँई है।
कैसेकै मैं तुमरे ताँई बैसेई फिकर करौ हौं जैसी परमेसर करै है। तुम एक पबित्तर कुँआरी के हाँई हौ, जिसकी सगाई मैंनै एकई आदमी संग करर खाई है, और बौ आदमी मसी है।
मेरे धौंरे जो कुछ है, बाकै मैं तुमरे ताँई खुसी के संग खरच करौ हौं और तुमरे ताँई मैं खुद कै बी खरच कर दंगो। जब मैं तुमसै जादा पियार करौ हौं, तौ तुम मैंसै कम पियार कैसे कर सकौ हौ?
जब मैंनै जौ चिट्ठी लिखी, तौ जौ उन आदमिऔ की बजै सै ना लिखी ही जो दोसी हैं, और ना उनके ताँई जिनके ऊपर दोस लगाओ गओ है। पर इसताँई लिखी कै तुम लोग परमेसर के सामने जौ अच्छी तरै सै समज लो कै तुमकै मेरी कितनी फिकर है।