जब बे पानी सै बाहार लिकरकै ऊपर आए, तबई परभु की आत्मा नै फिलिप्पुस कै उठा लओ और अधकारी नै फिलिप्पुस कै फिर ना देखो, और बौ खुसी मनातो भओ अपनी रस्ता मै चले गओ।
अगर मैं आदमिऔ और सुरगदूतौं की भासा बोलौं और लोगौ के ताँई मेरे दिल मै पियार ना है तौ मैं एक टन टन करती भई पीतर की घन्टी और छन छन की अबाज कन्नै बारे छन्छना के हाँई हौं।
मैं एक ऐंसे आदमी कै जानौ हौं, जो मसी मै बिसवासी है, जिसकै चौदैह साल पैले सबसै ऊँचे सुरग मै उठा लओ गओ हो। मैं ना जानौ हौं कै बौ सरीर बारो हो या बगैर सरीर को पर परमेसरई जानै है।
और बाके बाद जो हम्मै सै जिन्दे और बचे भए रैहंगे, उनके संगई परभु सै मिलनै के ताँई बादरौं के बीच मै ऊपर उठा लए जांगे। और ऐंसे हम हमेसा परभु के संग रैहंगे।
और फिर उस बईयर नै एक लौंड़ा कै जलम देओ। उसकै सबई जातिऔं के ऊपर लहो के डन्डा के संग सासन कन्नो हो। पर उस बालक कै उठाकै परमेसर और उसके सिंगासन के सामने लेजाओ गओ।
“जिसके कान हौं बौ सुन ले कै आत्मा बिसवासिऔ की मंडलिऔ सै का कैबै है। जो जै पाऐ, मैं बाकै उस जिन्दगी के पेड़ मै सै फल खानै कै दंगो जो परमेसर के बगीचा मै है।