3 मैं जा आदमी कै जानौ हौं जिसकै सुरग मै ऊपर उठा लओ गओ, पर सरीर के संग या बगैर सरीर के, मैंकै पतो ना है, जौ तौ परमेसरई जानै है।
ईसु नै उस्सै कैई, “मैं तेसै सच कैरओ हौं, आजई तू मेरे संग सुरग लोक मै होगो।”
मैंनै जौ बात काए बोली? का इसताँई कै मैं तुमसै पियार ना करौ हौं? पर परमेसर जानै है कै मैं तुमसै कितनो पियार करौ हौं।
मैं एक ऐंसे आदमी कै जानौ हौं, जो मसी मै बिसवासी है, जिसकै चौदैह साल पैले सबसै ऊँचे सुरग मै उठा लओ गओ हो। मैं ना जानौ हौं कै बौ सरीर बारो हो या बगैर सरीर को पर परमेसरई जानै है।