अब हम मूरतिऔं के सामने बलि करी भई खानै की चीजौ के बारे मै बात करंगे। हम जानै हैं कै हमकै इन बातौं को गियान है, पर गियान आदमी कै घमंडी बना देवै है, पर पियार सै आदमी की तरक्की होवै है।
“मैं तेरे काम, तेरी मैहनत और तेरे धीरज कै जानौ हौं और जौ बी जानौ हौं कै तू दुसट लोगौ की सैह ना सकतो, और जो अपने आपकै भेजे भए चेला कैबै हैं, पर हैं ना, तैनै बे परखे और झूँटे पाए हैं।