और सिपाई बी उस्सै पूँछल लगे, “हम का करैं?” बानै उनसै कैई, “किसी के ऊपर दबाब डारकै बासै पैसा ना लो और नाई किसी के ऊपर झूँटो दोस लगाऔ, पर अपनी तनखा सैई खुस रौह।”
कैसेकै कसरत सरीर के ताँई अच्छी है। पर भक्ति की जिन्दगी बासै बी जादा अच्छी है, कैसेकै इसई के ताँई हमकै जा जिन्दगी को और आनै बारी जिन्दगी को बादो मिलै है।
अपनी जिन्दगी कै पैसौ के लालच सै दूर रक्खौ और जो कुछ तुमरे धौंरे है बाई मै खुस रौह, कैसेकै परमेसर नै जौ कैई है कै, “मैं तुमकै कबी ना छोड़ंगो। मैं तुमकै कबी ना तियागंगो।”