अपनी सैरी धन-दौलत बेचकै धन गरीबौ मै बाँट दो, अपने धौंरे ऐंसे झोला रक्खौ जो पुराने ना पड़ैं और सुरग मै ऐंसो धन इखट्टो करौ जो घटै ना है और जिसके धौंरे चोर बी ना जा सकै है, और नाई उसकै कीड़ा-मकोड़ा खा सकै हैं।
“पर इब्राहिम नै कैई, ‘हे मेरे लौंड़ा, तू अपनी जिन्दगी मै अच्छी-अच्छी चीज ले चुको है, जबकि लाजर कै बुरी चीजई मिली हैं, पर अब हिंया बाकै सान्ति मिल रई है, और तू तड़प रओ है।
और मैं तुमसै कैरओ हौं, इस बुरी दुनिया के धन-दौलत सै अपने ताँई दूसरौं कै दोस्त बनाऔ, ताकि जब तुमरी धन-दौलत किसी काम की ना रैहगी तब तुमरो सुआगत सुरग मै होगो।
इसको जौ मतलब ना है, कै मैं अपनो मकसद पूरो कर चुको, या सिद्द हो चुको हौं, पर बा मकसद कै पूरो कन्नै के ताँई अग्गे बढ़तो जाबौ हौं, जिसके ताँई मसी ईसु नै मैंकै अपनो बनाओ है।
बिसवास के ताँई हमेसा अच्छे सै मैहनत करते रौह, और बा हमेसा की जिन्दगी कै थामे रौह, जिसके ताँई परमेसर नै तुमकै बुलाऔ है, और जिसके बारे मै तुमनै भौस्से लोगौ के सामने अपने बिसवास की गभाई दई है।
जौ चिट्ठी पौलुस की ओर सै है जो परमेसर की मरजी सै परभु ईसु मसी को भेजो भओ चेला हो और जिसकै ईसु मसी मै जिन्दगी पानै बारे बादे के परचार कन्नै के ताँई भेजो हो।
पर कुछ बी होए परमेसर की बुनियाद पक्की और मजबूत है और बामै जौ लिखो पड़ो है कै, “परभु अपने लोगौ कै जानै है।” और जो ऐंसो कैबै हैं कै, “मैं परभु को हौं, तौ बाकै बुरे काम सै बचकै रैहनो चँईऐ।”