और कुछ बीज जो कटीली झाँड़िऔं मै बोए गए, जे बे हैं, जिनौनै परमेसर को बचन सुनो। पर दुनिया की चिन्ता, धन-दौलत को मोह परमेसर की बातौं कै दबा देवै हैं जिस्सै बामै फल ना लग पावै है।
“अरे कपटी सास्तरिऔं और फरीसिऔं! तुम्मै धिक्कार है। तुम लोगौ के ताँई सुरग के राज को मौहड़ो बन्द कर देवौ हौ तुम खुद तौ ना जाबौ हौ पर जो जानो चाँहै है, उनकै रोक देवौ हौ।
इसताँई तुम बी अपने सरीर की उन बातौं कै खतम कर दो, जो जा दुनिया की हैं, मतलब बैबिचार, गंदे काम, गंदी सोच, गंदी बात कन्नै की इच्छा, लालच जे सबई मूरती पूजा के बराबर हैं।
जो लोग सेट होनो चाँहै हैं बे लालच मै पड़कै सैतान के फंदा मै फस जावै हैं। पागलौ बारे काम और नुक्सान पौंचानै बारी बातौं मै ना फसौ, जो आदमी कै बिगाड़ देवै है और बाकै नास की ओर ले जावै है।
कैसेकै आदमी खुदई के बारे मै सोचनै बारो, लालची, गप्पी, घमंड कन्नै बारो, परमेसर की बुराई कन्नै बारो, अईया-अब्बा को कैहनो ना माननै बारो, दया ना कन्नै बारो, अपबित्तर,