उनौनै जाकै उस्सै जौ पूँछी कै, “हे गुरू, हम जानै हैं कै तू ठीक कैबै है, और सिकाबै बी है, और किसी को भेदभाब बी ना करै है, पर परमेसर की मरजी कै सच्चाई सै सिकाबै है।
जो कोई मैंकै और मेरी बातौं कै लोगौ के बीच मै माननै सै सरमागो तौ ‘मैं’ आदमी को लौंड़ा बी, जब अपनी और अपने अब्बा की, और पबित्तर सुरगदूतौं की महिमा के संग आंगो, तौ मैं बी उसकै ना मानंगो।
पर अब सै हम किसी बी आदमी कै जा दुनिया की नजरौ के हिसाब सै ना देखंगे। पर एक बखत हो जब हम मसी कै जा दुनिया के लोगौ की नजरौ के हिसाब सै देखै हे पर अब ऐंसे ना देखै हैं।
उनकै इन बातौं की याद दिब्बातो रैहईए और परमेसर के सामने चितौनी देईए कै छोटी छोटी बातौं मै बैहैस बाजी कन्नै सै कोई फाएदा ना है, पर जो इनकै सुनै है, बे बी नास हो जावै हैं।
परमेसर और ईसु मसी कै गभा मानकै, जो जिन्देऔं और मरे भएऔं दौनौ को नियाय करै है, और बाके राज के फिर सै आनै के बारे मै याद दिब्बाते भए मैं तुमकै हुकम देवौ हौं।
पर जो गियान परमेसर की ओर सै आवै है, बौ पैले तौ पबित्तर होवै है, फिर सान्ति बारो, नरम सौभाब बारो, खुली सोच बारो, दया और अच्छे करमौ सै भरो भओ, और भेदभाब ना कन्नै बारो और खरो आदमी।
कैसेकै परमेसर नै उन सुरगदूतौं कै बी ना छोड़ो जिनौनै पाप करो हो, बलकन उनकै साँकर सै बांधकै नरक के इन्धेरे कुन्ड मै फैंक दओ ताकि नियाय के दिन तक कैद मै रैंह।
और जिन सुरगदूतौं नै अपनी रैहनै की जघै और पद कै छोड़ दओ हो उनकै परमेसर नै हमेसा के ताँई कुप्प इन्धेरे मै बांधकै नियाय के आखरी दिनौ मै सजा के ताँई रखर खाओ है।
तौ बौ परमेसर के कोप को रस पियैगो जो उसके घुस्सा के कटोरा मै डारो गओ है, और पबित्तर सुरगदूतौं के सामने और मैमना के सामने उसकै आग और गन्धक मै दरद देओ जागो।