“मैं तुमसै सच-सच कैरओ हौं, जो मेरे बचन सुनकै मेरे भेजनै बारे मै बिसवास करै है, हमेसा की जिन्दगी बाकी है, और बाके ऊपर सजा को हुकम ना है, पर मौत सै पार होकै बौ जिन्दगी मै पौंच चुको है।
पर मैं जो कुछ बी हौं, बौ परमेसर की किरपा सै हौं। बाकी किरपा जो मेरे ऊपर भई, बौ बेकार ना गई। पर मैंनै सबई सै जादा मैहनत करी, तौबी जौ मेरी ओर सै ना पर परमेसर की किरपा सै भओ, जो मेरे ऊपर ही।
अगर मैंकै आनै मै देर होए तौ तुमकै जौ पतो होनो चँईऐ कै परमेसर के टब्बर के लोगौ को बरताब कैसो होनो चँईऐ। जौ टब्बर जिन्दे परमेसर के बिसवासिऔ की मंडली है, और सच्चाई की बुनियाद और खम्मा है।
जा दुनिया के लोगौ कै जौ हुकम दो कै बे घमंड ना करैं और खतम होनै बारी धन-दौलत के ऊपर ना, पर परमेसर मै आस रक्खैं जो हमरे सुख के ताँई जरूरत सै बी जादा देवै है।