हम बैसेई रैहऐ जैसे दिन के टैम मै रैहबैं हैं। और दाबतौं मै खाकै पीकै धुत्त ना होओ, बईयरौं के संग गलत काम ना करौ, भोग-विलास मै ना पड़ौ, लड़ाई, और ना किसी सै जरन रक्खौ।
हे भईयौ, जो बात सच हैं, और जो बात इज्जत बारी हैं, और जो सई हैं, और जो बात पबित्तर हैं, और जो बात पियारी हैं, और जो बात मन कै पियारी लगै हैं, यानी जो बी भौत अच्छी और बड़ाई की बात हैं, उनई मै मन लगाए करौ।
जो लोग बिसवासी ना हैं उनके बीच मै तुमरो चाल-चलन अच्छो रैह, चाँहे बे तुमरे ऊपर गलत काम कन्नै को इलजाम बी लगाऐ पर तुमरे भले कामौ कै देक्कै नियाय के दिन बे परमेसर की महिमा करैं।
बईयरौं, तुम अपने लोग की बात माने करौ, इसताँई कै उनमै सै अगर कोई परमेसर के बचनौ कै ना मानै है, तौ बे तुमरे पबित्तर और आदर बारी जिन्दगी कै देक्कै, तुमरे बगैर कुछ कैए बिना मसी बिसवास मै आँय।