तुम मैं मैई बने रौह और मैं तुम्मै। जैसे डुग्गी अगर अंगूर की बेल मै बनी ना रैहबै है तौ अपने आप सै ना फल सकै है, बैसेई तुम बी अगर मैंई मै ना बने रैहए तौ ना फल सकौ हौ।
सिरप इतनो करौ कै तुमरो चाल-चलन मसी की अच्छी खबर के लायक हो जाऐ कै चाँहे मैं आकै तुमकै देखौं या ना बी आऔं, पर मैं तुमरे बारे मै बस जौई सुनौं कै तुम सब एक आत्मा मै टिक जाऔ और एक मन हो कै, एक संग मिलकै अच्छी खबर के बिसवास के ताँई मैहनत करते रैहऔ।
हे मेरे पियारे भईयौ, मेरी इच्छा है कै मैं तुमसै मिलौं कैसेकै तुम मेरी खुसी, और मेरी इज्जत हौ, और तुमकै जैसो मैंनै बताऔ है, परभु मै तुम बैसेई पक्के बने रौह।
जौ जबई हो सकै है जब तुम बिसवास मै पक्के और मजबूत रौह और जो अच्छी खबर तुमनै सुनी है बाकी आस ना छोड़ौ, जिसको परचार सिगरी दुनिया मै करो गओ और जिसको मैं पौलुस सेवक बी हौं।
अब परमेसर जो सिगरे किरपा को धनी है, जिसनै तुमकै मसी मै अपनी हमेसा की महिमा के ताँई बुलाओ है, तुमरो थोड़े देर को दुख सैहनै के बाद बौ खुदई तुमकै सिद्द, पक्के, सकतिसाली और तागत बारो बनागो।
पियारे भईयौ, तुम इन बातौं कै पैलेई सै जानौ हौ इसताँई चौकस रौह। कहीं ऐंसो ना होए कै तुम उन दुसट आदमिऔ के बैहकाबे मै आकै अपनी रस्ता सै ना भटकिओ और अपनी मजबूती कै हात सै जान मत देईओ।
इसताँई याद कर, कै तैनै कैसी सिक्छा पाई ही और सुनी ही, और उनमै बनो रैह और मन फिरा। अगर तू जगो ना रैहगो तौ मैं चोर के हाँई आ जांगो और तू जान ना सकैगो कै मैं किस घड़ी तेरे धौंरे आ गओ।