“तब राजा अपने खाने हात बारे लोगौ सै कैगो, हे मेरे अब्बा के धन्न लोगौ, आऔ और उस राज के हकदार बन जाऔ, जो दुनिया के सुरू सैई तुम लोगौ के ताँई तईयार करो गओ है।
ईसु जैसेई अपने सफर मै लिकरो, तौ एक आदमी उसके धौंरे दौड़ते भए आओ, और उसके अग्गे घूंटे टेक्कै उस्सै पूँछी, “हे भले गुरू, हमेसा की जिन्दगी पानै के ताँई मैं का करौं?”
तुम आपस मै एक दूसरे के ऊपर दया और रैहम करौ, और जिस तरै सै परमेसर नै मसी की बजै सै तुम लोगौ की गलतिऔं कै माफ करो बैसेई तुम बी एक दूसरे की गलतिऔं कै माफ करौ।
तुम तौ जौ जानौ हौ कै जब बाद मै बानै बौ आसीस पानी चाँही तौ बौ बाके ताँई बेकार गिनी गई और बाके रो रो कै बिनती कन्नै के बाद बी बाकै मन फिरानै को मौको ना मिलो।
अब परमेसर जो सिगरे किरपा को धनी है, जिसनै तुमकै मसी मै अपनी हमेसा की महिमा के ताँई बुलाओ है, तुमरो थोड़े देर को दुख सैहनै के बाद बौ खुदई तुमकै सिद्द, पक्के, सकतिसाली और तागत बारो बनागो।