फिर बौ थोड़ो अग्गे बढ़ो और मौह के बल गिरो, और जौ पिराथना करल लगो कै, “हे मेरे अब्बा, अगर हो सकै तौ, जौ दुख को कटोरा मैंसै टल जाय, तौबी जैसो मैं चाँहौ हौं बैसो ना, पर जैसो तू चाँहै है बैसोई हो।”
अगर बुरे काम की बजै सै तुमकै पीटो जावै है और बा बखत तुम सबर रक्खौ हौ तौ जामै बड़ाई की का बात है? पर तुमकै तुमरे भले कामौ की बजै सै सताओ जावै है और तुम सबर रक्खौ हौ तौ जौ परमेसर के सामने बड़ाई की बात है।