जिस्सै तुम अपने सुरग मै रैहनै बारे अब्बा की औलाद ठैरौगे कैसेकै बौ भले और बुरे दौनौ के ऊपर अपनो सूरज उगावै है, और धरमिऔं और अधरमिऔं दौनौ के ऊपर बरखा बरसावै है।
बलकन अपने दुसमनौ कै बी पियार करौ, उनके संग भलाई करौ। कुछ बी बापस लैनै की उमीद छोड़कै उधार दो। फिर तुमरे ताँई बड़ो ईनाम होगो; और तुम परम परमेसर की औलाद बनौगे, कैसेकै परमेसर कै जो धन्नबाद ना करैं हैं, और बुरे लोग हैं, परमेसर उनके ऊपर बी दया करै है।