हम बैसेई रैहऐ जैसे दिन के टैम मै रैहबैं हैं। और दाबतौं मै खाकै पीकै धुत्त ना होओ, बईयरौं के संग गलत काम ना करौ, भोग-विलास मै ना पड़ौ, लड़ाई, और ना किसी सै जरन रक्खौ।
अब सुरग मै मेरे ताँई धारमिकता को मुकट तईयार करकै रखर खाओ है और परभु जो सच्चो नियाय कन्नै बारो है। मैंकै बा दिन देगो और मैंकैई ना पर उन सबई लोगौ कै बी देगो जो पियार के संग बाको फिर सै आनै को पैंड़ो देख रए हैं।
पर मसी परमेसर को लौंड़ा होते भए बाके घराने के सामने बिसवासजोग हो। अगर हम हिम्मत रक्खै और जो आस मसी मै है बाकै ना छोड़ै तौ तबई हम परमेसर के घराने के हैं।
बैसेई मसी नै बी भौस्से लोगौ के पापौं के ताँई एकई दफै अपनी बलि चढ़ाई। अब बौ दूसरी दफै पाप की बलि चढ़नै के ताँई ना आगो पर जो लोग बाको पैंड़ो देख रए हैं उनकै बचानै के ताँई आगो।
जा मुक्ति के बारे मै उन नबिऔ नै भौत मैहनत के संग खोजबीन और जाँच पड़ताल करी, जिनौनै उस किरपा के बारे मै जो तुमरे ऊपर होनै बारी ही, बाकी भबिसबानी करी ही।
पर मसी कै अपनी जिन्दगी मै सच्चे मन सै परभु मानकै पबित्तर समजौ, और जो उमीद तुमरी मसी मै है अगर बाके बारे मै कोई पूँछै तौ बाकै जबाब दैनै के ताँई तईयार रौह, पर पियार और आदर के संग।
मैंनै जौ छोटी सी चिट्ठी सिलवानुस के हात सै लिखबाई है, जिसकै मैं बिसवासजोग भईया मानौ हौं। मैं तुमकै समजाबौ हौं और अपनी जौ गभाई देवौ हौं कै, परमेसर की सच्ची किरपा जौई है और जाई मै बने रौह।