हे भईयौ और बहनौ, खुस रौह। अब मैं तुमसै बिदा चाँहौ हौं, अपनो चाल-चलन सई रक्खौ, और बैसोई करिओ जैसो मैंनै कैई है, एकई सोच रक्खौ और सान्ति सै रैहऔ, पियार और सान्ति को परमेसर तुमरे संग रैह।
इसताँई हम बा पियार कै जानै हैं और बाके ऊपर भरोसो रक्खैं हैं, जो परमेसर सै हमकै मिलै है। परमेसर पियार है, और जो पियार मै बनो रैहबै है, बौ परमेसर मै बनो रैहबै है और परमेसर बामै।
हे पियारे लोगौ, हमकै दूसरौं सै पियार रखनो चँईऐ, कैसेकै पियार परमेसर सै मिलै है और हर कोई जो पियार करै है, बौ परमेसर की औलाद बन गओ है, और परमेसर कै जानै है।